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हमारे बारे में

प्रोफ़ाइल

प्रतिभूति कागज कारखाना (एसपीएम, नर्मदापुरम) 1968 में स्थापित किया गया था और वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत गैर-वाणिज्यिक उपक्रम के रूप में अधिसूचित किया गया था। भारत की। यह उच्च गुणवत्ता वाले बैंक नोट और अन्य सुरक्षा कागजात बनाती है। 2006 में निगमीकरण के समय यह एसपीएमसीआईएल की एक इकाई बन गई। एसपीएम नर्मदापुरम देश की एकमात्र पेपर मिल है जो उच्च गुणवत्ता वाले बैंक नोट और अन्य सुरक्षा कागजात का उत्पादन करती है। इस इकाई द्वारा निर्मित पेपर का उपयोग सीएनपी, नासिक और बीएनपी, देवास द्वारा करेंसी नोटों की छपाई के लिए और आईएसपी, नासिक और एसपीपी, हैदराबाद द्वारा मुद्रित किए जा रहे गैर-न्यायिक टिकटों के लिए किया जाता है।

एसपीएम, नर्मदापुरम प्रेसों द्वारा निर्दिष्ट महत्वपूर्ण मापदंडों की बारीकी से निगरानी और नियंत्रण करता है। यह निरंतर प्रक्रिया प्रणाली, यानी स्टॉक तैयार करना, पेपर बनाना, कैलेंडरिंग, कटिंग और फिनिशिंग प्रक्रिया में लगा हुआ है। कागज की गुणवत्ता संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है जो बहुत ही उच्च सुरक्षा वातावरण में पूरा किया जाता है।

प्रतिभूति कागज कारखाना, नर्मदापुरम एक आईएसओ 9001:2015, आईएसओ 14001:2015, आईएसओ 45001: 2018 और आईएसओ 50001:2018 प्रमाणित इकाई है। साथ ही यूनिट NABL ISO/IEC 17025:2017 प्रमाणित है।

संगठन संरचना

प्रतिभूति कागज़ कारखाना, नर्मदापुरम, भारत सरकार, के पूर्ण स्वामित्वाधीन निगम भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड की इकाई है । संस्थान के प्रमुख मुख्य महाप्रबंधक हैं तथा अपर महाप्रबंधक उनके सहयोगी हैं। प्रचालन के उद्देश्य से कारखाना मुख्यत: दो भागों में विभाजित है अर्थात उत्पादन एवं एवं सेवाएं अनुरक्षण (अभियांत्रिकी) सहित तथा अन्य सहयोगी विभाग । इन विभागों के प्रमुख उप महाप्रबंधक स्तर के कार्यपालक हैं । इन प्रमुख विभागों के उप अनुभागों के प्रमुख प्रबंधक, उप प्रबंधक, सहायक प्रबंधक स्तर के कार्यपालक हैं। कारखाने की मानवशक्ति मुख्यतः तीन श्रेणियों में विभाजित की गई है ,कामगार, पर्यवेक्षक एवं कार्यपालक । कारखाने के आंशिक आधुनिकीकरण के दौरान अतिरिक्त जरूरतों की पूर्ति के लिए मानव शक्ति थोड़ी बढ़ाई गई थी । 26 अक्‍टूबर 1992 से कारखाने में राष्‍ट्रीय उत्पादकता परिषद की सिफारिशें लागू कर दी गई । कर्मचारी जिनमें कामगार, पर्यवेक्षक एवं कार्यपालकों सहित कंधे से कंधा मिलाकर, सप्ताह के सातों दिन और चौबीसों घंटे लगातार चलने वाली प्रणाली से राष्‍ट्र की सेवा कर रहे हैं ।

 
 
 

इतिहास

प्रतिभूति कागज कारखाना, नर्मदापुरम उच्‍च गुणवत्‍ता बैंक नोट पेपर और अन्‍य सुरक्षा प्रतिभूति मुद्रणालयों द्वारा ज़रूरी कागज़ात बनाने वाली संस्‍था है । यह भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) की एक इकाई है ।

स्‍वतंत्र भारत का यह सपना था कि देश करेंसी कागज़ के वर्षों से हो रहे आयात के भारत से मुक्‍त हो, राष्‍ट्र की करेंसी एवं बैंक नोट कागज़ के उत्‍पादन में आत्‍म निर्भरता एवं कागज़ के आयात में हो रही विदेशी मुद्रा की बचत के उद्देश्‍य से साठ के दशक के शुरूआती वर्षों में ही प्रतिभूति कागज कारखाना की स्‍वप्निल परियोजना साकार हुई ।

किसी भी कागज़ उद्योग की पूर्वापेक्षित आवश्‍यकताओं जैसे भूमि, जल, विद्युत, परिवहन एवं मानव शक्ति आदि को ध्‍यान में रखते हुए नर्मदापुरम (होशंगाबाद) को सर्वाधिक उपयुक्‍त विकल्‍प मानकर चुना गया । होशंगाबाद की स्‍थापना मांडू (मालवा) के द्वितीय राजा सुल्‍तान हुशंगशाह गौरी द्वारा पंद्रहवीं शताब्‍दी के आरंभ में की गई थी । होशंगाबाद नर्मदा नदी के किनारे स्थित है । इसके किनारे पर सतपुड़ा पर्वत स्थित है । नर्मदा नदी जिले की उत्‍तरी सीमा के साथ-साथ बहती है । नर्मदा नदी के तट पर स्थित होने के कारण इसका नाम नर्मदापुरम पड़ा । यह शहर नर्मदा नदी के किनारे अपने खूबसूरत घाटों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें सेठानी घाट एक प्रमुख आकर्षण है ।

कारखाने के भवन का अभिकल्‍पन तथा निर्माण कार्य केन्‍द्रीय लोक निर्माण विभाग ने सन् 1962 में प्रारंभ किया । कारखाने के 500 मीटर लंबे एवं 50 मीटर चौड़े मुख्‍य भवन का कार्य दिनांक 28 अक्‍टूबर, 1963 को शुरू हुआ । इस भवन का पश्चिमी भाग दो मंजिला और शेष हिस्‍सा एक मंजिला बनाया गया है । कागज़ निर्माण करने वाली पहली दो मशीनों के प्रथम युग्‍म की स्‍थापना का कार्य 27 जून, 1967 को पूर्ण हुआ जबकि मशीन क्रमांक 3 एवं 4 के दूसरे जोड़े की स्‍थापना 27 नवंबर, 1967 को पूरी हुई ।

कारखाने का औपचारिक रूप से उद्घाटन एवं राष्‍ट्र के नाम समर्पण 9 मार्च, 1967 को तत्‍कालीन माननीय उप प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई द्वारा किया गया । वर्ष 1968 में करेंसी नोट और गैर न्‍यायिक स्‍टैम्‍प पेपर का प्रतिभूति कागज कारखाना, नर्मदापुरम में उत्‍पादन चालू किया गया था । यह कारखाना उच्‍च गुणवत्‍ता बैंक नोट और अन्‍य सिक्‍युरिटी उत्‍पाद बनाता है । यह कारखाना पहले केन्‍द्रीय संस्‍थान था । वर्ष 2006 में निगमीकरण के पश्‍चात् अब यह भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) की एक इकाई हो गया है जो भारत सरकार के पूर्ण स्‍वामित्‍वाधीन में कार्य करता है । करेंसी पेपर की बढ़ती मांग को देखते हुए, अत्‍याधुनिक तकनीक से सुसज्जित नई बैंक नोट पेपर लाइन (पीएम#5) की आधारशिला दिसंबर, 2011 में तत्‍कालीन माननीय वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने रखी थी । जून, 2015 में तत्‍कालीन माननीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने 6000 टन क्षमता की नई बैंक नोट पेपर लाइन पीएम#5 का उद्घाटन किया था और उसी दिन करेंसी नोट प्रेस, नासिक को स्‍वदेशी रूप से बनाए गए 1000 रूपए के बैंक नोट पेपर की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई थी । तब से एसपीएम में निरंतर गुणवत्‍तापूर्ण बैंक नोट पेपर का उत्‍पादन हो रहा है । विविध प्रतिभूति कागजों के उत्‍पादन में प्रतिभूति कागज कारखाना ने अनेकों बार रिकॉर्ड उत्‍पादन किया है । प्रतिभूति कागज कारखाना, नर्मदापुरम नित नई तकनीकों एवं नवोन्‍मेषी प्रक्रियाओं के माध्‍यम से गुणवत्‍तापूर्ण प्रतिभूति उत्‍पादों के निर्माण में निरंतर अग्रणी है ।